A Review Of hanuman chalisa
A Review Of hanuman chalisa
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You happen to be golden colored; you might be shining in your stunning attire. You might have stunning earrings in your ear and curly hair.
Being thoroughly aware about The shortage of my intelligence, I pray for you the son of Pavan, the Wind God (Hanuman). I humbly question you to definitely grant me power, intelligence and know-how and get absent all my afflictions and shortcomings.
व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।
तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सह्मारो आपै ।
व्याख्या – सामान्यतः जब किसी से कोई कार्य सिद्ध करना हो तो उसके सुपरिचित, इष्ट अथवा पूज्य का नाम लेकर उससे मिलने पर more info कार्य की सिद्धि होने में देर नहीं लगती। अतः यहाँ श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये भगवान श्री राम, माता अंजनी तथा पिता पवनदेव का नाम लिया गया।
गोस्वामी तुलसीदास की श्री हनुमान जी से भेंट: सत्य कथा
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
भावार्थ – आप प्रभु श्री राघवेन्द्र का चरित्र (उनकी पवित्र मंगलमयी कथा) सुनने के लिये सदा लालायित और उत्सुक (कथारस के आनन्द में निमग्न) रहते हैं। श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता जी सदा आपके हृदय में विराजमान रहते हैं।
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द: भजन
बुद्धिहीन तनु जानिकै सुमिरौं पवनकुमार।
When you have additional time then You can even chant Hanuman Chalisa 108 times, which can be stated to deliver quick final results, if finished faithfully and with purity in the mind.
japataJapataKeep repeating / remembering / chanting nirantaraNirantaraContinuously / consistently hanumata HanumataLord Hanuman bīrāBīrāCourageous This means: By continuously chanting your name brave Hanuman, all conditions, pains, and sufferings will probably be eradicated.
As inside the Indian tradition, Hanuman could be the patron of martial arts and an illustration of courage, fortitude and excellence in Thailand.
व्याख्या—इस चौपाई में श्री हनुमन्तलाल जी के सुन्दर स्वरूप का वर्णन हुआ है। आपकी देह स्वर्ण–शैल की आभा के सदृश सुन्दर है और कान में कुण्डल सुशोभित है। उपर्युक्त दोनों वस्तुओं से तथा घुँघराले बालों से आप अत्यन्त सुन्दर लगते हैं।